विधा- छंद
विषय- नारी
जगत के काम सभी ।
नौकरी वो करती है,
रख स्वाभिमान को।
बेटियों को विदा करें,
पाल पोस बड़ा करे।
सौंपती है वर जी को,
कर कन्यादान कों।
बड़ों की वो करे सेवा,
पूजा से लुभाती देवा।
कर अच्छे काम को तो,
पाती वरदान वो।
अतिथि को मान देती,
दुख पहचान लेती।
चढ़ती है ऐसे नित ,
कितने सोपान वो।
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आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 12.03.2020 को चर्चा मंच पर चर्चा - 3638 में दिया जाएगा। आपकी उपस्थिति मंच की गरिमा बढ़ाएगी
ReplyDeleteधन्यवाद
दिलबागसिंह विर्क
बहुत सुंदर
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