Wednesday 18 March 2020

चौपाई छन्द ," होली " (राधा तिवारी " राधेगोपाल " ),

विषय - होली
विधा - चौपाई छन्द

छुप छुप करके मोहन आए
जल भर गगरी वह छलकाए
बढ़चढ़ ग्वाले हिस्सा लीनी 
गोपी को भी वो रंग दीनी

सखियाँ लाई सुंदर माला
गले राधिका के है डाला
बरसाने की सब नर नारी
रंगभरी लाए पिचकारी

नटखट राधा पनघट आई
पायलिया छम छम छमकाई
मुड़ मुड़ कर के श्याम निहारे
पर हर दम ही वो तो हारे 

सब कहते राधा है भोली
सदा बोलती मीठी बोली
जब से वह मोहन की हो ली
होली खेले बन हमजोली

1 comment:

  1. आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 19.3.2020 को चर्चा मंच पर चर्चा - 3645 में दिया जाएगा। आपकी उपस्थिति मंच की शोभा बढ़ाएगी।

    धन्यवाद

    दिलबागसिंह विर्क

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