Friday, 27 March 2020
कुण्डलियाँ " बिंदी " (राधा तिवारी " राधेगोपाल " ),
बिंदी
बिंदी से शोभा बढे, नारी की भरपूर।
नथनी कहती झूम के, मत जाओ तुम दूर।।
मत जाओ तुम दूर, सजन से कहती सजनी।
रहना हरदम पास ,दिवस हो चाहे रजनी।
कह राधे गोपाल, पहाड़ी हो या सिंधी।
चमक रही है भाल,सभी नारी के बिंदी।
2 comments:
Sawai Singh Rajpurohit
27 March 2020 at 13:16
बहुत ही सुंदर प्रस्तुति
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radha tiwari( radhegopal)
22 April 2020 at 17:20
धन्यवाद जी प्रोत्साहन हेतु
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बहुत ही सुंदर प्रस्तुति
ReplyDeleteधन्यवाद जी प्रोत्साहन हेतु
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