आज विदा नीरज हुए
आँखों से आँसू बहे, कर नीरज को याद।
आप गये सुरपुर हमें, हुआ बहुत अवसाद।।
पद्मविभूषण का मिला, नीरज को सम्मान।
नीरज हिन्दी जगत के, थे व्यक्तित्व महान।।
क्रूर काल के चक्र पर, चले न कोई जोर।
इसीलिए तो श्वाँस की, टूट गयी है डोर।।
फिल्मों में जिसने लिखे, मनमोहक से गीत।
इसीलिए संसार है,
नीरज जी का मीत।।
सन सत्तर के दशक
में, मिले तीन सम्मान ।
नीरज जी का लोग सब, करते हैं यशगान।।
अनुपम और अनमोल है
,नीरज जी के बोल।
मसी लेखनी से उन्हें,
कोई न सकता तोल।।
गीतकार नीरज हुए, दुनिया में मशहूर।
किन्तु काल के सामने, होते सब मजबूर।।
आते सब संसार में, लेकर अपना रूप।
जाते सब संसार से, क्या निर्धन क्या भूप।।
बालीवुड में आपने, लिखे सलोने गीत।
आज विदा नीरज हुए, छोड़ सभी से प्रीत।।
|
Saturday 21 July 2018
दोहे " आज विदा नीरज हुए "( राधा तिवारी "राधेगोपाल " )
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment