कान्हा मेरे साथ
रमे राम संसार में, सब बन आदर्शl
पढ़कर राम चरित्र को, करो विचार विमर्शll
मुख्य पोती के सिंधु से, करते हैं सब प्यारl
किंतु नहीं जाता कभी, कोई इसके पासll
पंछी को अच्छा लगे, रहना सदा स्वच्छंदl
इनको कभी न कीजिए, पिंजरे में तुम बंदll
साजन जी परदेस है, सजनी करें विचारl
साजन के बिन व्यर्थ , सजनी का घर द्वारll
जीवन में रहना सदा, कान्हा मेरे साथl
राधे के तुम प्राण हो, सबके हो तुम नाथll
जिस थाली में खाएंगे, रक़खो उसे संभालl
भोजन के तुम साथ में, करना नहीं सवालll
|
Saturday, 7 July 2018
दोहे " कान्हा मेरे साथ" ( राधा तिवारी "राधेगोपाल " )
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment