बारिश
टपक रहा है टपटप पानी
याद आ रही मुझको नानी
गरमा गरम पकोड़े लाती
हमें प्यार से सदा खिलाती
रंगबिरंगा छाता लेकर
इधर-उधर नानी है जाती
नानाजी को चाय पिलाती
अदरक उसमें सदा मिलाती
ठंडी से है हमें बचाती
रोज सुनाती एक कहानी
टपक रहा है टपटप पानी
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