राधे की बिंदी और पायल
राधे की बिंदी और पायल।
कान्हा को करती है घायल।।
क्यों इनको तुम झनकाती हो।
मंद मंद क्यों मुस्कुराती हो।।
तेरी मेरी प्रीत पुरानी ।
कभी ना कहना इसे कहानी।।
तुमने कि इस दिल की चोरी।
मैं चंदा तू मेरी चकोरी।।
पास मेरे तुम सदा ही रहना।
सुख दुख अपने हमको कहना।।
मेरे दिल में रहती हो तुम ।
मुझको अच्छी लगती हो तुम।।
तुममें मैं हूँ मुझ में तुम हो ।
फिर जाने क्यों तुम गुमसुम हो।
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