श्वांसों की डोरी
दुनिया से भी ज्यादा माँ बच्चे को जाने
नौ महीने तक बच्चा माँ को ही पहचाने
श्वांसों की डोरी ही माँ से उसे जोड़ती
उसकी हलचल सब माता का ध्यान मोड़ती
बच्चों को तो माँ ने इस तरह है पाला
कहती चाँद सितारा चाहे गोरा काला
माँ उपवन का माली बच्चे सभी फूल है सुखसागर देकर के छांटे सदा शूल है
बच्चे होते हैं माता की ही फुलवारी माँ से ही तो बनती है यह दुनिया सारी
माँ ने थामा हाथ आई है जब भी विपदा
बच्चों को दे दी अपनी सभी संपदा
जीवन का आधार सदा होती है माता बिना माता के बच्चे को कोई समझ न पाता
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