चित्रकार
चित्रकार कागज पर लाया
अब तो अंबर के तारे
पेड़ वो लाया लंबे छोटे
और पुष्प प्यारे-प्यारे
उगता ढलता सूरज लाया
लाया जग की सब माया
कहीं तिरंगा है लहराया
जन गण मन का मान बढ़ाया
ऐसे होते हैं चित्रकार
करते जो रंगों से प्यार
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