विधा चौपाई छंद विषय विश्व पुस्तक दिवस पुस्तक दिवस विश्व का आया पर इस पर भी विष मंडराया सभी पुस्तकें पीड़ित होती ईबुक में ही वह अब खोती पुस्तक ने तो ज्ञान दिया है विद्वानों को मान दिया है जय जय जय हे पुस्तक माता तुम हो सबकी भाग्य विधाता जो जन पास तुम्हारे आता उसको तो सब कुछ मिल जाता जो जन मन से तुम्हें पुकारे उसने पाए सदा सहारे जग में है कितने ही ज्ञानी महिमा उनकी सबने जानी ब्रह्मा हैं वेदों के ज्ञाता हनुमत हो संकट के त्राता
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