माँ की ममता
माँ की ममता कभी किसी को समझ न आए
माँ का प्यार यहाँ हरपल ईश्वर भी पाए
बन कर ईश्वर लाल इसी धरती पर आते
माता की ममता को वह भी तो हैं ललचाते
खुश होकर के माँ लाल को सदा खिलाए
बाहों के ही झूले में वो उसे झुलाए
गीले मैं सोकर के माता खुश हो जाती
पर रोगों से बच्चे को वो सदा बचाती
अपरंपार सदा होती है माँ की ममता
अब तक कोई जान न पाया उसकी क्षमता
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