विद्वानों की बात
कष्ट सहो संयम रखो, रहो सभी निजधाम ।
आप अकेला बैठ कर,कर लेना विश्राम ।।
विद्वानों की बात का, रखा सभी ने ध्यान ।
पालन बातों का करें, अपना हिंदुस्तान ।।
पर्व मनाता हैं सभी ,अपना हिंदुस्तान ।
हमको तो लगता यही, देवों का वरदान ।।
ले लेना तुम फैसला, हो करके मजबूर ।
अपने हित को छोड़कर, रहना सबसे दूर ।।
रखो देशहित ध्यान में, सुन लो मेरी बात ।
निकलो मत घर से कभी, कुछ दिन तक तो आप ।।
विनती है कर जोड़ के, रहो सभी से दूर ।
हाथ मिलाना छोड़कर ,जोड़े हाथ जरूर ।।
हाथ मिलाना छोड़कर ,जोड़े हाथ जरूर
स्वच्छ करें वातावरण, स्वच्छ रहे सब लोग ।
दूर यहाँ से जा रहा , कोरोना का रोग ।।
दवा नहीं अब तक बनी, बना नही उपचार।
खुद को घर में बंद कर, बस जाए संसार ।।
खुद को घर में बंद कर, बस जाए संसार
सुख सुविधा की चाह में, काँटे सबने पेड़ ।
सड़क बनाने के लिए ,धरती रहे उधेड़ ।।
चरणों में पितु मात के, सदा नवावों शीश।
जग में सबसे है बड़ी ,हर दम ही आशीष ।।
पालन जीवन में करो, सदाचार का आप ।
ईश्वर के ही नाम का ,करते रहना जाप ।।
जल का संरक्षण करो, सूख रहे सब ताल।
पेड़ काट कर के यहाँ , बुला लिया निज काल ।।
हँसते गाते बाग़ को, रखना तुम आबाद ।
फूल खिले जिस बाग में, नहीं करो बर्बाद ।।
युद्ध क्षेत्र में तो बही, सदा खून की धार ।
जीवन है दो-चार दिन, करना सबसे प्यार ।।
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