Thursday, 6 May 2021

राधा तिवारी "राधेगोपाल " , एक नया छंद ,"राधेगोपाल छंद "

 


गुरुदेव संजय कौशिक  विज्ञात जी द्वारा बनाए गए 106 नूतन छंदों में एक छंद "राधेगोपाल छंद" हमे भी आशीर्वाद के रूप में मिला 
आप सदा अपनी छत्र छाया में रखें 
आप दीर्घायु रहें  
राधेगोपाल छंद 

■ राधेगोपाल छंद का शिल्प विधान ■ 

वार्णिक छंद है जिसकी मापनी और गण निम्न प्रकार से रहेंगे यह दो पंक्ति और चार चरण का छंद है जिसमें 6,8 वर्ण पर यति रहेगी। सम चरण के तुकांत समान्त रहेंगे इस छंद में 11,14 मात्राओं का निर्धारण 6, 8 वर्णों में है किसी भी गुरु को लघु लिखने की छूट है इस छंद में लघु का स्थान सुनिश्चित है। लघु जहाँ है वहीं पर स्पष्ट आना चाहिए

222 212

222 212 12

मगण रगण

मगण रगण लघु गुरु (लगा)

गुरुदेव के आशीर्वाद के बाद परम आदरणीय कृष्ण मोहन निगम जी ने राधेगोपाल छंद पर अपनी लेखनी से हमे अभिभूत किया आपका आशीर्वाद भी सदा बना रहे 

राधेगोपाल छन्द

कृष्ण मोहन निगम जी द्वारा

राधे राधे जपो,
त्रैतापों की समाप्ति हो।।
कान्हा कान्हा कहो।
कान्हा की प्रीति प्राप्ति हो।।

मीरा का था  वही,
वो ही था संत सूर का ।।
सारा संसार है
कृष्णा,तेरा न और का।।


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