मेरे कष्टों को हरो, राम भक्त हनुमान।
कहकर सब जन कर रहे, गंगा में स्नान।।
श्री कृष्ण ने कर दिया, नरकासुर का नाश।
मुक्त किए बंधक सभी, खोले उनके पाश।।
नरकासुर की मौत थी, नारी के ही हाथ।
सतभामा ने था दिया, श्रीकृष्ण का साथ।।
बनी सारथी कृष्ण की, बंधक मुक्त कराय।
अब जग में कैसे रहे, ऐसे
करो उपाय।।
कृष्णपक्ष के अन्त में, आया कातिक
मास।,
छोटी दीवाली तभी, मना
रहा संसार।।
तन पर तेल लगाय कर ,करो नित्य स्नान।
मुक्त नर्क से होइये, करके कुछ शुभ दान।।
|
No comments:
Post a Comment