चीनी लड़ियां छोड़ वहाँ माटी के दीए जलाएंगे।।
हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई के होते हैं पर्व बहुत।
होली ईद और दीवाली मिलकर साथ मनाएंगे।।
गांव शहर में दिखलाते हैं कलाकार कितने करतब।
सर्कस ,मेला और नुमाइश जगह-जगह लगवाएंगे।।
गंगा यमुना सरयू का तट लगता कितना मनभावन।
मात- पिता को ले जाकर हम तीरथ यहाँ कराएंगे।।
मंदिर मस्जिद गुरुद्वारों की भारत में भरमार है।
रामराज्य लाकर के राधे पावन इसे बनाएंगे।।
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Tuesday, 6 November 2018
गीत " गंगा यमुना सरयू का तट" ( राधा तिवारी "राधेगोपाल " )
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