संस्कृत पर दोहे
थोड़े शब्दों में बने, संस्कृत के सब वाक्य।
घर में जाकर कीजिए, आप सदा शालाक्य ।।
फोर्ब्स मैगजिन बोलते, संस्कृत को उपयुक्त।
बोलचाल में कीजिए, इसको भी प्रयुक्त।।
उपयोगी होती बहुत, है शब्दों की खान।
शब्दकोश इसका बड़ा, इतना लेना जान।।
सन् सत्तर में छप गया, संस्कृत में अखबार।
सुधर्मा के नाम से, जग में हुआ प्रचार।।
लिक्खे संस्कृत में यहाँ , सारे वेद पुराण।
जिन से मिलता है यहाँ , मानव को परित्राण।।
संस्कृत भाषा सीखकर, होता तेज दिमाग।
इससे ही है बन गए, सारे राग विराग।।
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Tuesday, 27 November 2018
संस्कृत पर दोहे( राधा तिवारी "राधेगोपाल " )
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