वन संपदा संसाधन जग में मिले, सब को एक समान। इन संसाधन को सदा, देना तुम तो मान।। वन संपदा ही रहे, सदा देश की शान। पेड़ उगा कर आप भी, लेना जीवनदान।। नहीं पेड़ को काटकर, धरा करो बर्बाद। पेड़ों से है जिंदगी, जीव जंतु आबाद।। जल को अमृत मान कर सदा दीजिए मान। पानी की हर बूंद का करना तुम सम्मान।। राधा तिवारी"राधेगोपाल" खटीमा उधम सिंह नगर उत्तराखंड |
बढ़िया दोहे।
ReplyDeleteहमारी इस प्रविष्टी को निमित है तू मंच पर स्थान देने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय
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