लेकर डंडा हाथ मिला तुम्हारा प्यार जब, भूली में संसार। ईश्वर से कम है नहीं, सजन तुम्हारा प्यार।। नैनो में काजल बसा, बिंदी सोहे भाल। हाथ मुरलिया सज रही, गल बैजंती माल साया बनकर राधिका ,चलती हरदम साथ। कान्हा जी तुम भी चलो, ले हाथों में हाथ।। दौलत हमको रोग से, बचा रही कब आज। घर में ही बैठा दिया ,बंद किए सब काज।। बड़ा भयंकर वायरस, आया है श्रीमान। बैठो सब निजधाम में, रहे सुरक्षित जान।। हाथ मिलाने से बड़े ,संक्रमण का रोग। हाथ जोड़कर कर रहे, नमस्कार सब लोग जुटे हुए सब तंत्र है, जुटा राज दरबार । संकट के इस काल से, कैसे होंगे पार ।। पुलिस प्रशासन बोलता, दे दो तुम भी साथ। वरना हम सब हैं खड़े, लेकर डंडा हाथ।। बंद सभी उद्योग हैं, बन्द सभी औजार। सरकारी सब तंत्र भी,होता जाता ज़ार।। |
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