Thursday, 9 December 2021

राधा तिवारी राधेगोपाल , दोहे , जनरल विपिन रावत 08/12/2021

 



जनरल विपिन रावत
08/12/2021

सूरज बन चमका सदा, हुआ आज क्यों लुफ्त।
चलते चलते लोग सब, हुए आज क्यों सुप्त।।

देश भक्ति परिवार में ,भरी रही भरपूर।
पौड़ी उत्तराखंड के ,लाल है मशहूर।।

लक्ष्मण सिंह पापा बने , घर में जला चिराग।
बन जनरल रावत विपिन,जगा दिया है भाग।।

माता कोलिन कोच को,मिला यही सम्मान।
गोदी में खेले विपिन,बनकर उनकी शान।।

मधु रस घोले मधुलिका , भर जीवन में रंग।
बँधी प्रीत की डोर से,मरी उन्हीं के संग।।

साथ निभाने के लिए ,रहती हरदम पास ।
जनरल को हरदम रही, उनसे हर पल आस।।

शिक्षा दिक्षा के लिए, गए देहरादून।
अब क्यों उनका हो गया, यह जीवन भी सून।।

फौजी बन करके किए,पालन सब कानून।
जीवन भर महका सदा ,बनकर वही प्रसून।।

काम सभी उसने किए ,बनकर सदा दबंग।
अरि सेना को भी यहाँ, दिखा दिए थे रंग।।

दुश्मन को देते रहे ,विपिन सदा जवाब ।
बन करके ही वे रहे, खुलती एक किताब।।

बात सभी की आपने ,हरदम सुनी जनाब।
दुश्मन को देते रहे ,हर पल आप जवाब।।

काम सदा अच्छे किए, मिले खूब सम्मान।
आज अचानक ही गए, छोड़ सभी पहचान।।

भारत माँ के लाल ने, लिया तिरंगा ओढ़।
जलकर वाहन हो गया, जैसे होता कोढ़।।

भारतवासी हो गए, देखो सारे मौन।
गए वीर यह जिस तरह, जाता ऐसे कौन।।

याद करेगी यह धरा, और सदा आकाश।
चार दिशा में फैलता ,देखा आज प्रकाश।।

दुखी आज संसार है ,आंँखें हैं गमगीन।
तेज लुप्त सा हो गया, जो था कल रंगीन।।

राधा तिवारी "राधेगोपाल"
एल टी अंग्रेजी अध्यापिका
 खटीमा,उधम सिंह नगर
 उत्तराखंड
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