Thursday 18 November 2021

राधा तिवारी ,"राधेगोपाल ", *रक्तबीज कोरोना* विधा *गीत*

 



*रक्तबीज कोरोना* 
विधा *गीत*
रक्त बीज कोरोना आया
बनकर देखो एक बिमारी
मानव घर में छिप कर बैठा
है उसकी कैसी लाचारी

क्यों आया ये कहाँ से आया
ये तो हमको पता नहीं
मार रहा है निर्दई हो कर
जिनकी कोई खता नहीं
रोग बना है बड़ा तामसी
जकड़ी है दुनिया सारी।
रक्त बीज कोरोना आया
बनकर देखो एक बीमारी

खाकी वर्दी धारी आए
साथ में अपने डॉक्टर लाए
साफ सफाई करने देखो
हमने कितने ईश्वर पाए
हँसते गाते खुश हो करके
खेल रहे सब अपनी पारी
रक्त बीज कोरोना आया
बनकर देखो एक बीमारी

जीव जंतु के जैसे हम सब 
पिंजर में है आज फँसे 
घूम रहे हैं वह सब देखो 
और हमीं पर आज हँसे  
आल्हादित्त मत होना इंसान
भीर सभी पर है भारी 
रक्त बीज कोरोना आया 
बनकर देखो एक बीमारी
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3 comments:

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  2. आदरणीय मेरी इस प्रविष्टि को म्हारी लाडेश्वर मंच पर स्थान देने के लिए आपका आभार
    आशीर्वाद बनाए रखें

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