एक विदेशी रोग राज सभी पर कर रहा, एक विदेशी रोग। डरे डरे से हैं सभी, सकल विश्व के लोग।। राधे लो संकल्प को, रह लेना निज धाम। रोग बड़ा गंभीर है, कोरोना है नाम।। चूक अगर थोड़ी हुई , फैलेगा यह रोग। हाथ मिलाना छोड़ दो, दूर रहो सब लोग।। हाथ जोड़कर कीजिए, सबका ही सत्कार। कोरोना करता नहीं ,इन पर कभी प्रहार ।। साफ सफाई का रखो,, राधे हरदम ध्यान । हाथ मिलाने से करे ,कोरोना नुकसान ।। हाथ सौंप दो ईश के, जीवन की पतवार। आसानी से राधिका, हो जाओगे पार।। डरो नहीं इस रोग से, हो जाओ तैयार। रहो अकेले शान से, होगा इस पर वार ।। घर पर ही सब बैठ कर, ले लो हरि का नाम । राधे ने सबको दिया, एक यही पैगाम ।। घर में रहने से नहीं, लगता कोई पाप। इससे तो घटता सदा, कोरोना का ताप ।। करना है गर आपको, कोरोना को चूर। कुछ दिन तो रहे लीजिए, अपनों से तुम दूर ।। कोरोना के नाम से, आया कैसा रोग। माता तुम भी ध्यान दो, डरते सारे लोग।। गाँव घरों को आ रहे, हैं विदेश से लोग। फिर क्यों अपने देश में ,रहे विदेशी रोग।। |
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