Saturday, 18 June 2022

राधा तिवारी "राधेगोपाल" , "छंद" , विमला छंद विधान ,"मन की पीड़ा"





 छंद

विषय - बिटिया
*विमला छंद विधान*
सगण मगण नगण लघु गुरु
११२  २२२  १११  १ २
११ वर्ण१६ मात्रा
चार चरणका छंद
दो दो चरण समतुकांत         

मन की पीड़ा

112 222 111 1 2
11 वर्ण 16 मात्रा

घर में बेटी जो पग रखती।
सबकी आभा भी नभ चढ़ती।
करती है वो बात विहँसती।
लगती जैसे खेल किलकती।

चिड़िया जैसी कूहुक  रहती। 
नदिया जैसी ही वह बहती। 
मन की पीड़ा को वह सहती।
मुँह से बातों को कम कहती ।

दिख जाती वो है नभ तल में।
दिखती जैसे ईश कमल में। 
सबको देती मान हृदय से।
रह जाती वो तो चुप भय से।

बढ़ती पाबंदी जब उस पे।
अड़ जाती है वो फिर पथ पे।
मन की सारी बात बिखरती।
फिर भी बेटी आप निखरती।


राधा तिवारी"राधेगोपाल" 
खटीमा 
उधम सिंह नगर 
उत्तराखंड







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