Tuesday, 5 March 2019

दोहे, " महामृत्युंजय मंत्र " ( राधा तिवारी "राधेगोपाल " )


 महामृत्युंजय मंत्र
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गंगा जल  दूध से,देते शिव को धार।
मंदिर में भगवान के,हो जाता उद्धार।।

 शिव गौरा के संग मेंरहते नंदी नाग।
 पशु पक्षी के साथ मेंरखते वो  अनुराग।।

 निकल रही है शीश सेजिनके गंगा धार।
 शिवजी सारे जगत केजीवन के आधार।।

 महामृत्युंजय मंत्र कोजपते हैं जो लोग।
 दीर्घायु उनको मिलेदूर रहें सब रोग।।

 गौरी पुत्र गणेश कीसबको जग में आस।
 सफल कार्यों को करेंसबको है विश्वास।।

1 comment:

  1. आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल बुधवार (06-03-2019) को "आँगन को खुशबू से महकाया है" (चर्चा अंक-3266) पर भी होगी।
    --
    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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