देवों के देव
तांडव जब शिव ने किया, कांपे तीनो लोक।
जग में पूजा पाठ को, कोई न सकता रोक।।
सत्य अनादि अनंत हैं,
ब्रह्म रूप हैं जान।
शिव भक्तों की जगत में, रही अलग पहचान।।
देवों के भी देव हैं,शिव शंकर भगवान।
सच्चे मन से कीजिये,शिव शंभू का ध्यान।।
बेलपत्र ले हाथ में, गंगा जल ले साथ।
भक्तों के दिल में रहे, भोले शंभू नाथ।।
शिव मंदिर में भक्त की, लंबी लगी कतार।
दीं दुखी निर्बल सभी,आते उनके द्वार।।
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