Thursday, 31 October 2019

गजल, तुम्हारी याद के किस्से " ( राधा तिवारी "राधेगोपाल " )



तुम्हारी याद के किस्से
तुम्हारी याद के किस्से ज़हन में जब उभरते हैं 
बिना ही साज सज्जा के दिलों से हम सँवरते हैं।।

 करोगे याद हमको जब कभी तन्हाई में हमदम।
वो कैसे साथ हो जाए जो हर दम ही बिखरते हैं।।

 करेंगे याद तब तुमको  कभी जब पास से गुजरो।
 तुम्हारी याद आती है गली से जब गुजरते हैं ।।

सुना जब लोग आकर पास में फिर दूर जाते हैं 
वही टूटे हुए दिल के सभी घावों को भरते हैं।।

 हमेशा सोचती राधा  चाहूंगी तुम्हें हर पल।
 तुम्हारी याद से राधे के तो हर पल में निखरते हैं।।

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