Friday, 26 April 2019

बाल कविता, " हाथी और चींटी " ( राधा तिवारी "राधेगोपाल " )


हाथी और चींटी 
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भीम काय होता है हाथी और बहुत नन्ही है चींटी 
हाथी से सब डरते रहते चींटी है सबने पीटी

हाथी के हैं कान निराले 
जाने उसने कैसे पाले 
चींटी तो है नन्हा प्राणी 
नही सुनी है उसकी वाणी 

गज पर हाथ लगा नही सकते पर्पकड़ के छित्ती खींची 
भीम काय होता है हाथी और बहुत नन्ही है चींटी 

टनों का खाना खाता हाथी 
महावत होता उसका साथी 
चींटी कण से ही पलती है 
लगातार ही वो चलती है

गुड का दान दिया हाथी को चींटी अतत देकर सींची 
भीम काय होता है हाथी और बहुत नन्ही है चींटी 

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