Sunday, 14 November 2021

राधा तिवारी "राधेगोपाल" , मनहरण घनाक्षरी , "चाँद "

 



चाँद 
चाँद  को चकोरी से
 चकोरी जी को चाँद से
 एक दूजे से तो हमें
प्यार होना चाहिए

दिन को तो रात से
और रात को तो दिन से
अंधेरे को उजाले में
भी तो होना चाहिए

रात का नजारा कहे
अरे वह सितारा का है
आज आंख मूंदकर
घर सोना चाहिए

माताजी का प्यार मिले
पिता मनुहार करे 
गोदी में ही रहकर
हँस रोना चाहिए

*राधा तिवारी"राधेगोपाल"*


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