कोरोना का रोग भारी आई कैसी महामारी घर में ही रहने को आप समझाइए घर में ही रहते हैं भूख प्यास रहते हैं निर्धन को भी आप रोटी दिलवाइए चौपाट है काम धाम बंद है सारे आयाम जलती है पेट में जो अगन बुझाईए चले रोग कैसा चाल सारा जग है निढाल घर में ही रहकर जिंदगी बचाइए दुश्मन चले चाल जीना तो हुआ मुहाल मजबूरी का न आप फायदा उठाइए *राधा तिवारी"राधेगोपाल"* *खटीमा* *उधम सिंह नगर* *उत्तराखंड* |
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