Monday, 24 February 2020

कुण्डलियाँ , "फूल " (राधा तिवारी " राधेगोपाल " )


फूल
फूल खिले हैं डाल पे, महक उठा है बाग।
 बैठ डाल पर आम की, कोयल गाती राग।
 कोयल गाती राग, भ्रमर तितली भी डोले।
 आओ रस लो बाँट, मधुमक्खी भी बोले।
कह राधेगोपाल, पथिक को शूल मिले हैं।
 आओ देखो बाग, डाल में फूल खिले हैं।



7 comments:


  1. जय मां हाटेशवरी.......

    आप को बताते हुए हर्ष हो रहा है......
    आप की इस रचना का लिंक भी......
    25/02/2020 मंगलवार को......
    पांच लिंकों का आनंद ब्लौग पर.....
    शामिल किया गया है.....
    आप भी इस हलचल में. .....
    सादर आमंत्रित है......

    अधिक जानकारी के लिये ब्लौग का लिंक:
    http s://www.halchalwith5links.blogspot.com
    धन्यवाद

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  2. आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल बुधवार (26-02-2020) को    "डर लगता है"   (चर्चा अंक-3623)    पर भी होगी। 
    --
    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है। 
     --
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'  

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  3. बेहद खूबसूरत 👌

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  4. सखी आपके विचार से लेखनी को बल मिला

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