Wednesday, 19 February 2020

कुंडलियां , " कुल्हाड़ी " (राधा तिवारी " राधेगोपाल " ),


  कुल्हाड़ी
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 कुल्हाड़ी का तुम कभी, मत करना उपयोग |
पेड़ों के बिन जगत मेंं, बढ़ जाएँगे रोग |
बढ़ जाएँगे रोग, उगाओ पेड़ धरा पर |
सूखी बंजर भूमि, अरे तू हरा-भरा कर |
कह राधे गोपाल, बोलती सदा पहाड़ी |
पेड़ बचा लो मित्र, फेंककर दूर कुल्हाड़ी ||


3 comments:

  1. आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 20.02.2020 को चर्चा मंच पर चर्चा - 3617 में दिया जाएगा| आपकी उपस्थिति मंच की शोभा बढ़ाएगी|

    धन्यवाद

    दिलबागसिंह विर्क

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  2. बहुत खूब...,शिक्षाप्रद रचना ,सादर नमन

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