अन्न चढ़ाकर अग्नि में, करते हैं सब नृत्य। फसल खेत में देखकर करते अपने कृत्य।। पतंग उड़ाते हैं सभी, बाल वृद्ध नर नार। ऋतु बसंत का आगमन, भरते मन में प्यार ।। घर घर जाकर बाल अब, माँगे धन मिष्ठान। इनकी तुम झोली भरो, हो सबका कल्याण ।। ईश्वर से करते सभी, धन दौलत की चाह। भटक रहा है देश ये, दिखला दो तुम राह।। उत्तरायणी पर्व पर ,मांग रहे सौगात । नहीं किसी की हार हो ,नहीं किसी की मात।। |
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बसंत ऋतु पर सुंदर व सार्थक दोहे
ReplyDeleteआपकी सिखाई हुई विद्या है गुरुदेव
Deleteबहुत-बहुत मुबारक हो
ReplyDeleteआभार
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