विषय - मकर संक्रांति
विधा - चौपाई छन्द
मकर सक्रांति पर्व है आया
उत्तरांचल पूरा हर्षाया
काले काले कौए आजा
मीठे मीठे घुघुते खाजा।।1।।
काँप रही सर्दी से काया
मुन्ना कोट पहन के आया
खालो गरम गरम घुघुते तुम
पर्व दिवस मत बैठो गुमसुम।।2।।
नानी ने उसको बतलाया
उसके मन का उसे दिलाया
तिल गुड़ को जो भी खाएगा
सर्दी से वो बच पाएगा ।।3।।
पतंग उड़ाओ मुन्ने राजा
आकर के मिष्ठान तो खा जा
लगा हुआ है देखो मेला
बच्चों का है रेला पेला।।4।।
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Wednesday, 15 January 2020
चौपाई छन्द , " मकर संक्रांति "( राधा तिवारी "राधेगोपाल " )
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