Thursday, 9 January 2020

कुंडलियां, फूलों का उपहार ((राधा तिवारी " राधेगोपाल " ),


   फूलों का उपहार
चंपा की कलियां खिली, झूम रहा कचनार।
 बगिया सबको दे रही, फूलों का उपहार।।
फूलों का उपहार , प्रकृति हम सबको बांटे
फूलों के तो साथ, रहे हैं हरदम कांटे।
 कह राधे गोपाल,चलो मिलकर सब सखियां।
खिली हुईं है आज, सखी चंपा की कलियां।।

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