भिगोकर खून से वर्दी कहानी लिख गए हैं वो।
नहीं देखी किसी ने जो जवानी लिख गए हैं वो।।
फ़हरा कर तिरंगे को सदा वो मुस्कुराते थे।
वतन को दे रहे खुशियां रवानी लिख गए हैं वो।।
नहीं देखी किसी ने जो जवानी लिख गए हैं वो।।
सरहद पर दिया उनने दिवस और रात में पहरा ।
गर्मी शीत की रातें सुहानी लिख गए हैं वो।।
नही देखी किसी ने जो जवानी लिख गए हैं वो।।
दुखी होता है मन सबका जवानों की शहादत से ।
मगर फिर भी शहादत को रुहानी लिख गए हैं वो।।
नही देखी किसीने जो जवानी लिख गए हैं वो।।
करेंगे गर्व इन पर हम हमेशा ही जमाने में।
वतन की रेत पर अपनी निशानी लिख गए हैं वो।।
नही देखी किसीने जो जवानी लिख गए हैं वो।।
कहे राधा जमाने में नहीं कोई शहीदों सा।
वतन के नाम अपनी नौजवानी लिख गए हैं वो ।।
नही देखी किसीने जो जवानी लिख गए हैं वो।
भिगो कर खून से वर्दी कहानी लिख गए हैं वो।।
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Monday, 18 February 2019
जवानों की शहादत "( राधा तिवारी "राधेगोपाल " )
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जय मां हाटेशवरी.......
ReplyDeleteआप को बताते हुए हर्ष हो रहा है......
आप की इस रचना का लिंक भी......
26/02/2019 को......
[पांच लिंकों का आनंद] ब्लौग पर.....
शामिल किया गया है.....
आप भी इस हलचल में......
सादर आमंत्रित है......
अधिक जानकारी के लिये ब्लौग का लिंक:
https://www.halchalwith5links.blogspot.com
धन्यवाद
बहुत ही लाजवाब हृदयस्पर्शी एवं प्रेरक रचना।
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