Tuesday, 19 February 2019

गीत , बगिया के फूलों से "( राधा तिवारी "राधेगोपाल " )

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किया सिंगार धरती ने मेरी बगिया के फूलों से।
 लिखुगी नाम अब तेरा मेरी बगिया के फूलों से।।

 चढ़ाया फूल है मैंने सदा भगवान के दर पर।
 नहीं रोशन हुई ज्योति मेरी बगिया के फूलों से।।

 बनाकर फूल की माला शहीदो पर चढाऊंगी
सजेगी अर्थीयां उनकी मेरी बगिया के फूलों से।।

 हमारी राह से कांटे हटाकर फूल ही बोये।
 सजाऊंगी मैं राहों को मेरी बगिया के फूलों से।।

 सुमन श्रद्धा के दे दूंगी वतन के इन शहीदों को।
 सभी सम्मान पाएंगे मेरी बगिया के फूलों से।।

3 comments:

  1. आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल बुधवार (20-02-2019) को "पाकिस्तान की ठुकाई करो" (चर्चा अंक-3253) पर भी होगी।
    --
    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
    --
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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  2. वाह! बहुत सुंदर। जय हिंद।
    मेरे ब्लॉग पर आपका स्वागत है।
    iwillrocknow.com

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  3. सुन्दर रचना

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