माटी से है खेलती, दोनों बहने साथ।
पानी मिट्टी से मिला, लेती अपने हाथ।।
रूप कटोरी का दिया, मन में वह मुस्काय।
रखती उनको धूप में ,पात्र तभी बन जाय।।
तभी पिताजी आ गए, हुए बहुत प्रसन्न।
देते हैं वो ये दुआ, रहे न कोई विपन्न ।।
धन-दौलत सबको मिले, रहें सभी खुशहाल।
भारत की जय जय करे, सब भारत के लाल।।
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