Friday, 7 December 2018

दोहे "दोनों बहने साथ" राधा तिवारी "राधेगोपाल "


माटी से है खेलतीदोनों बहने साथ।
पानी मिट्टी से मिलालेती अपने हाथ।।

रूप कटोरी का दियामन में वह मुस्काय।
रखती  उनको धूप में ,पात्र तभी बन जाय।।

तभी पिताजी  गएहुए बहुत प्रसन्न।
देते हैं वो ये दुआरहे  कोई विपन्न ।।

धन-दौलत सबको मिलेरहें सभी खुशहाल।

भारत की जय जय करेसब भारत के लाल।।

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