साइकिल से ट्रक बोलता
साइकिल से ट्रक बोलता, मैं हूँ बड़ा महान्।
मुझसे बचकर ही रहो, ओ छोटी नादान।।
जब मैं हौरन दूँ तुझे, तेज न करना चाल।
टकराना मुझसे नहीं, कर दूँ गा बेहाल ।।
होना मत भयभीत तुम, रखना अच्छी सोच ।
बचकर चलना तुम सदा, आए नहीं खरोच।।
देता हूँ मैं सड़क पर, हर वाहन को मान ।
कोशिश है मेरी यही ,बचे सभी की जान।।
उबड़ खाबड़ सड़क को, करता हूँ मैं पार।
ढोने को सामान को, रहता हूँ तैयार।।
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Friday, 14 December 2018
दोहे " साइकिल से ट्रक बोलता "( राधा तिवारी "राधेगोपाल " )
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