पर सबको अच्छे लगें,वह समय अनुकूल।।
जल से जीवन है बना, धरा और आकाश ।
जल करता है सभी की ,जग में पूरी आस।।
गुस्सा करने से सदा, रिश्ते होते तार ।
दो नावों में बैठकर ,कैसे होंगे पार।।
जो करते संसार में, सबके हित के काम।
उनका तो होता अमर, युगों युगों तक नाम।।
श्रद्धा जिनमें हो निहित, वो होते त्योहार।
आपस में करना सदा, प्रेम पूर्ण व्यवहार।।
आपाधापी में लगा , सदियों से संसार ।
प्यार-प्रीत की राह में , आया है व्यापार।।
अपने-अपने गुरू पर, होता सब को नाज ।
गुरु की कृपा हो अगर , सुधरे सकल समाज।।