इंसान आज मिलने मुहाल हो गए
देखती हूँ चमन में तो फूल बहुत हैं
फूल खुशबू वाले मिलने मुहाल हो गए
शैतानों के बीच में फंस गई हूँ में
दुःख में साथी मिलने मुहाल हो गये
छाया है आज चारों ओर तम देख लो
रौशनी के मंजर मिलने मुहाल हो गए
नकली हैं राम श्याम जमाने में आज तो
राधे को कृष्ण मिलने मुहाल हो गए
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Monday, 7 May 2018
मुहाल हो गए राधा तिवारी ' राधेगोपाल '
"घर दिलों में बनाओ" राधा तिवारी ' राधेगोपाल '
घर दिलों में बनाओ
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राधा तिवारी ' राधेगोपाल '
किसी को अपना बनाओ तो अच्छा है l
किसी को पास बुलाओ तो अच्छा है ll
राहें काँटे भरी तो सदा हैं मिली l
किसी के राह से कंटक हटाओ तो अच्छा है ll
तूफान नफरतों के हर ओर उठ रहे l
प्यार दिल में बसाओ तो अच्छा है ll
रेत के घर बनाए थे लाखों मगर l
घर दिलों में बनाओ तो अच्छा है ll
यूँ तो गाने के लिए पूरी महफिल सजी l
अपनों के संग गीत गाओ तो अच्छा है ll
ढोल-तबला मंजीरें हैं बजने लगे l
श्याम वाली बंसी बजाओ तो अच्छा है ll
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Saturday, 5 May 2018
ग़ज़ल "मिला नहीं है ठौर ठिकाना" (राधेगोपाल)
कलम देखकर मचल जाय जब दिल दीवाना
तब उठता है मन में सुन्दर एक तराना
जग के झंझावातों में तो उमर ढल गयी
किन्तु अभी भी मिला नहीं है ठौर
ठिकाना
कहने को तो सारे सम्बन्धी अपने हैं
किन्तु न आता कंगाली में गले लगाना
साहूकार निर्धन के धन लूट-लूट कर
पापी भरता जाता अपना रोज खजाना
सच को लिखना राधे की मजबूरी है
चाहे सारा जग ही बन जाये बेगाना
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धूप राधा तिवारी ' राधेगोपाल '
धूप

दूर तक माटी की खुशबू , आ रही हैं धूप में l
काम करते खेत में, कैसे ये निर्बल धूप में ll
बूँद है ये श्वेद की , या रंग मेहनत का भरा l
काम करता वो ही जाने , कैसे होता धूप में ll
आंधीयों ने अब उजाड़ा, है ये किसका घोसला l
अब कहाँ ले जाएगा , बच्चे परिंदा धूप में ll
मेहनती होते हैं जो ,नही देखते हैं रात दिन l
काम वो करते सदा ,आंधी , सर्दी , धूप में ll
जेठ का ये माह है , सूरज चटक है शीश पर l
राधे निकल कैसे पड़ें , इस तन जलती धुप में ll
Friday, 4 May 2018
जन्मदिन "मेरी बिटिया" राधा तिवारी 'राधेगोपाल'
आप सभी के शुभाशीष की
आकांक्षिणी
मेरी बेटी स्वाति का आज जन्मदिन है।
पूरे परिवार की यह कामना है कि
वह हँसी और खुशी के साथ
जीवन पथ पर अग्रसर रहे।
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पाकर तुझको धन्य हो गई, ओ मेरी बिटिया प्यारी।
सारा जग प्यारा लगता है,पर तू है जग से न्यारी।।
बचपन में मेरी बाहों ने, झूला बनकर तुझे झुलाया।
सारे जग की खुशियों आई , गोदी में जब तुझको पाया।।
तूने नन्ही सी कलिका बनकर ,मेरे जीवन को महकाया।
रंग बिरंगे फूलों जैसी, बनकर तूने मुझे रिझाया।।
यही कामना करती हूँ मैं, तेरा वर हो राजकुमार।
पसरी हो सारी खुशियां, और मिले वहाँ पर सबका प्यार।।
तू है प्यारी शान चमन की, पूरे घर का है आधार।
इसीलिए तो सब करते हैं तुझको बिटिया प्यार-दुलार।।
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Thursday, 3 May 2018
ये क्या कर दिया राधा तिवारी ' राधेगोपाल '
. ये क्या कर दिया

तुमने ज़मीन पर जो सजदा किया ,
रौनक – ए - हुस्न में तुमने ये क्या कर दिया l
हंस के देखा तो सांसें हमारी थमी ,
धडकनों को हमारी ये क्या कर दिया l
कुछ भी बोले नही पास से जब गए ,
मौन रह कर भी तुमने ये क्या कर दिया l
तेरी नटखट अदाएं गज़ब कर गई
कह कर हमको लुटेरा ये क्या कर दिया l
जब नज़र मिल गई तब पलक झुक गई ,
देखकर तुमने राधे को क्या कर दिया l
Wednesday, 2 May 2018
(;तितलियाँ ) राधा तिवारी ' राधेगोपाल '
(;तितलियाँ )
मधुबन में इठ्लाएं तितलियाँ l
मन को खूब लुभाएं तितलियाँ ll
जब जब भौरें आए चमन में l
अपने पंख हिलाएं तितलियाँ ll
कलियों को तो देख चमन में l
मन ही मन मुस्काए तितलियाँ ll
खिलते फूल महक को पाकर l
खुश हो कर हर्षाए तितलियाँ ll
बादल जब नभ में छाते हैं l
पंख खूब लहराएं तितलियाँ ll
बच्चों को प्यारी लगती है l
आँगन में जब आए तितलियाँ ll
जब मधुमास सुहाना आता l
राधे के मन भाए तितलियाँ ll
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