बंद करो सब द्वार
घर में ही सब बैठ कर, कर लो मन की बात। कोरोना को तब चले, पता अपनी औकात।। बोल रही है आज तो,धरती पर मेवाड़। अब मुझको अच्छे लगे, खिड़की और किवाड़।। अपने ही घर में रहो ,बंद करो सब द्वार । अपना ही परिवार है, अपना ही संसार।। मिलती है छुट्टी नहीं, इतनी तो सरकार। परिवार के साथ में, रह लो हर दिन बार।। तन की दूरी ही रखो, मन से रहना पास। कभी तोड़ मत दीजिए, अपनों का विश्वास।। |
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