Showing posts with label मात-पिता के साथ में. Show all posts
Showing posts with label मात-पिता के साथ में. Show all posts

Saturday, 11 December 2021

राधा तिवारी , राधेगोपाल , दोहे , मात-पिता के साथ में,

 




 अनमोल दोहे 

फसल पक्की जब खेत मेंखुश हो गया किसान।
लेकर गट्ठा हाथ मेंजाता ये नादान।।

मात-पिता के साथ मेंकाम करे संतान।
अब तो यह भी ला रहेघर में गेहूँ धान।।

 मास्क लगाकर कर रहेसब आपस में बात। 
कोरोना करने लगाआपस में आघात।

हाथ मिलाना छोड़ करहाथ जोड़ते लोग।
डर कर के सब रह रहेआया कैसा रोग।।

डॉक्टर सब चौकस हुएकरने को उपचार।
पर सबका ही बदल गयाआज यहाँ व्यवहार।।

सड़कें सूनी हो गईबंद सभी बाजार।
लॉक डाउन के दौर सेकैसे होंगे पार।।