ईद मुबारक
चाहे तुम गीता पढ़ो, चाहे पढ़ो कुरान।
दोनों ही बतला रहे, बने रहो इंसान।।
आपस में मिलकर रहो, कहता संत समाज।
सब हिंदू पूजा करो, मुस्लिम पढ़ो नमाज।।
अब्दुल मेले में गया, चिमटा लिया खरीद।
अम्मा बेटा प्यार से, मना रहे हैं ईद।।
खुशियांँ सबको बाँटते, पर्व और त्योहार।
ईद मिलन से हो रहे, घर आंगन गुलजार।।
ईद मुबारक कह रहे, मिलकर सारे लोग।
दुनिया में अलगाव का, फैले कहीं न रोग।।
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Wednesday, 5 June 2019
दोहे, " ईद मुबारक " (राधा तिवारी " राधेगोपाल ")
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