दलितों के अंबेडकर, तुमको
कोटि प्रणाम।
संविधान निर्माण कर, पाया जग
में नाम।।
भीमा देवी ने दिया, ममता और
दुलार।
पिता राम का भी मिला, तुमको
नेह-अपार।।
संविधान पर पुस्तकें, लिख कर
पाया नाम।
स्वतंत्रता संग्राम में, झेले
कष्ट तमाम।।
अपने बल पर ही मिला, तुमको
भारत-रत्न।
देश-समाज सुधार के, किये
बहुत प्रयत्न।।
बाबा ने कितने किये, दलितों
पर उपकार।
आजादी के बाद में, दिया
उन्हें उपहार।।
बलवानों के कर दिये, मनसूबे
सब भंग।
संविधान ऐसा रचा, जगत रह
गया दंग।।
(राधा तिवारी "राधेगोपाल")
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Friday 13 April 2018
दोहे "अम्बेडकर जयन्ती" (राधा तिवारी)
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