मेरे माथे की बिंदिया
मेरे माथे की
बिंदिया तो, सनम हरदम चमकती है।
तुम्हीं को देखकर
साजन, मेरी नथनी मटकती है ।।
तेरे कदमों की आहट
से, ये दिल बेचैन होता है।
मेरे कानों के झुमकी तो, पपीहा सी चहकती है ।
तेरे जब साथ
होती हूँ, खुशी से झूम जाती हूं ।
मेरी माला मेरे
कंगन, मेरी चूड़ी खनकती है ।
तेरे नैनों में तो
प्रियतम, मुझे अपनी छवि दिखती।
मेरा कजरा मेरा गजरा, मेरी सांसे बहकती है ।
जब तू दूर जाता है, तो दिल बेचैन होता है।
तुझे वापस बुलाने को , मेरी पायल छनकती है ।
मेरे दिलबर मेरे
प्रियतम, मेरी इक बात तो सुनलो।
तुम्हें जब देखती राधा, तो ये सांसें मचलती है।।
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Tuesday 29 May 2018
मेरे माथे की बिंदिया (Radha Tiwari "Radhegopal" )
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