Saturday 29 February 2020

कुण्डलियाँ , " कंगन "( राधा तिवारी "राधेगोपाल " ),

 
 कंगन 

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कंगन सोने के बने, चाँदी की पाजेब।
 पहनो गोरी ये सभी, जाओ पिय के देश।।
 जाओ पिय के देश, बसाओ अपने घर को।
जा बेटी ससुराल, वरण करलो तुम वरको।
कह राधे गोपाल, बिखेरे खुशबू चंदन।
 लाओ तुम गलहार, सजन हाथों के कंगन।।

कुंडलियां , " पायल " (राधा तिवारी " राधेगोपाल " )




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पायल
पायल के घुँघरू कहे, चल साजन के पास।
 साजन तो अच्छे लगे, हर दिन बारह मास।
 हर दिन बारह मास, करेंगे हम तो छन छन। चूड़ी सबके हाथ,बजेगी  खन खन खन खन।
 कह राधे गोपाल, सजन को करदूँ कायल।
 जाऊँ उनके पास, पहन के मैं तो पायल ।।

Tuesday 25 February 2020

कुण्डलियाँ , " वेणी " (राधा तिवारी " राधेगोपाल " )


वेणी
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वेणी प्यारी सी बने, यदि हो लंबे बाल।
 नागिन जैसी लग रही, गोरी की तो चाल।।
 गोरी की तो चाल, लगे हैं सबको प्यारी।
 रानी बनकर राज, करे हर घर में नारी ।
कह राधे गोपाल, प्रथम नारी की श्रेणी।
 नारी की है शान, बनी बालों की वेणी।

Monday 24 February 2020

कुण्डलियाँ , "फूल " (राधा तिवारी " राधेगोपाल " )


फूल
फूल खिले हैं डाल पे, महक उठा है बाग।
 बैठ डाल पर आम की, कोयल गाती राग।
 कोयल गाती राग, भ्रमर तितली भी डोले।
 आओ रस लो बाँट, मधुमक्खी भी बोले।
कह राधेगोपाल, पथिक को शूल मिले हैं।
 आओ देखो बाग, डाल में फूल खिले हैं।



Sunday 23 February 2020

कुंडलियां , " मात-पिता " (राधा तिवारी " राधेगोपाल " )



 मात-पिता
 मात-पिता के सामने, धन दौलत बेकार।
 बच्चों तुम हरदम करो, जग में सबसे प्यार।
 जग में सबसे प्यार, सदा हो धर्म हमारा।
 होगा हिंदुस्तान, जगत में सबसे न्यारा।
 कह राधे गोपाल, बड़ो संग समय बिता के।
 बनकर राजकुमार, रहो तुम मात पिता के।

Saturday 22 February 2020

" देश भक्ति के गीत ", " (राधा तिवारी " राधेगोपाल " )



देश भक्ति के गीत
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सेवा करने को वतन की आइए
 देश भक्ति के गीत अब तो गाइए
 रास आएगी उन्हें भी जिंदगी
 घर गरीबों के बनाते जाइए
 सत्य का पथ है कठिन सबको पता
झूठ के रस्तों से बचना चाहिए
 कलम मेरी उम्र भर चलती रहे
 माँ  मुझे कुछ छंद देती जाइए
 कह रही राधा सभी से बात ये
 जिंदगी में गम सदा ही खाइए

Friday 21 February 2020

कुंडलियां , " मजदूरी " (राधा तिवारी " राधेगोपाल " ),




 मजदूरी
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मजदूरी करके करें, घर का पूरा काम।
 नौकर को मिलता नहीं, कभी यहाँ विश्राम।।
 कभी यहाँ विश्राम, नहीं करना तुम राधे।
 जग में करना काम ,सभी तुम सीधे साधे।।
कह राधे गोपाल, गरीबी है मजबूरी
 करते हैं इंसान, धरा पर सब मजदूरी



        

Thursday 20 February 2020

कुंडलियां , " आशीष " (राधा तिवारी " राधेगोपाल " ),


आशीष


बढ़ो बिटिया
बिटिया तुम आगे बढ़ो,पड़ो नहीं कमजोर |
आगे बढ़ने के लिए, श्रम कर लो पुरजोर |
श्रम कर लो पुरजोर, बनो तुम सबकी प्यारी |
नर से निकली आज, अरे आगे अब नारी |
कह राधे गोपाल, भाग्य उनके हैं जागे |
जिस घर तेरा वास, बढ़ो बिटिया तुम आगे ||

Wednesday 19 February 2020

कुंडलियां , " कुल्हाड़ी " (राधा तिवारी " राधेगोपाल " ),


  कुल्हाड़ी
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 कुल्हाड़ी का तुम कभी, मत करना उपयोग |
पेड़ों के बिन जगत मेंं, बढ़ जाएँगे रोग |
बढ़ जाएँगे रोग, उगाओ पेड़ धरा पर |
सूखी बंजर भूमि, अरे तू हरा-भरा कर |
कह राधे गोपाल, बोलती सदा पहाड़ी |
पेड़ बचा लो मित्र, फेंककर दूर कुल्हाड़ी ||


Tuesday 18 February 2020

कुंडलियां , " आया " (राधा तिवारी " राधेगोपाल " ),


 आया 

आया है अब बाग में, शीतल मृदुल बसंत।
 मेरे तो परदेस को, गए हुए हैं कंत।
 गए हुए हैं कंत, न जाने कब आएंगे।
 मुझको ये मधुमास  सखी कैसे भाएंगे।
कह राधेगोपाल, मुझे तो कुछ ना भाया।
 शीतल मृदुल बसंत, धरा पर जब से आया।।