घर दिलों में बनाओ
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राधा तिवारी ' राधेगोपाल '
किसी को अपना बनाओ तो अच्छा है l
किसी को पास बुलाओ तो अच्छा है ll
राहें काँटे भरी तो सदा हैं मिली l
किसी के राह से कंटक हटाओ तो अच्छा है ll
तूफान नफरतों के हर ओर उठ रहे l
प्यार दिल में बसाओ तो अच्छा है ll
रेत के घर बनाए थे लाखों मगर l
घर दिलों में बनाओ तो अच्छा है ll
यूँ तो गाने के लिए पूरी महफिल सजी l
अपनों के संग गीत गाओ तो अच्छा है ll
ढोल-तबला मंजीरें हैं बजने लगे l
श्याम वाली बंसी बजाओ तो अच्छा है ll
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