Saturday, 28 April 2018

पृथ्वी दिवस राधा तिवारी ' राधेगोपाल '

पृथ्वी दिवस 
धरा दिवस के रूप में, है बाईस अप्रैल ।
जीवन में इस दिवस को, बना न देना खेल ।।

अपने पास पड़ोस में ,करो स्वच्छ परिवेश।
 अपना भी कर्तव्य है ,सरकारी आदेश ।।

जल सूरज की प्रचुरता, रखता भारत देश ।
झीलों नदियों से भरा ,है इसका परिवेश ।।
  
पीने योग्य बनाइए, अब सागर का नीर ।
जल के बिन होते यहां, जंतू सभी अधीर।।

 धरा दिवस पर दीजिए, सब को यह संदेश।
 पेड़ लगाकर धरा पर,बचा लीजिए देश।। 

सूख गई नदियां सभी, सूख गए हैं खेत।
 बंजर अब धरती हुई ,शेष रह गया रेत ।।

हरियाली सब लुप्त है, खेत हुए बर्बाद।
 खेतों में अब डालते ,लोग विदेशी खाद।।

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