Friday 20 April 2018

"मेघ" राधा तिवारी ' राधेगोपाल'

                     
मेघ
Image result for cloud

सर्व सुख दाता विधाता, हो मेरे मन भावना। 
नभ में मेघ बुलाकर करते, मौसम अतिसुहावना।। 

बारिशों की बूँदों से, पत्ते झूमें लहर हिलोर । 
तुम बसन्त में कर जाते हो, मन को बहुत विभोर।।

उमड़-घुमड़ कर जब तुम आते, सबके मन को हरसाते । 
गरज बरस कर ही जाते हो,  धरती पर हरियाली लाते।। 

रंग गन्दुमी जब भी नभ में, इधर उधर को मंडराए।
 तब सारी दुनिया कहती है, बादल आये बादल आए ।।

सूखी धरती करे निवेदन, बादल आओ बादल आओ। 
हरियाली उपजे धरती में, आकर पानी बरसाओ।। 

गर्मी से जब लोग तड़पते, तुम शीतलता लाते हो। 
तुम ही हो घनश्याम सलोने, राधे के मन भाते हो।।

No comments:

Post a Comment