धर्म हमेशा यही सिखाता
जीने की है कला बताता
जीव जंतु से प्यार करो तुम
करुणा का आधार धरो तुम
सारे जग को पाठ पढ़ाओ
सत्य अहिंसा को अपनाओ
धर्म हमेशा यही सिखाता
जीने की है कला बताता
माता पिता का आदर करना
गुरु का नहीं निरादर करना
मानव का मानव से नाता
वेद सभी को ये बतलाता
धर्म हमेशा यही सिखाता
जीने की है कला बताता
नफरत की दीवारें तोड़ो
शॉल शराफत का ही ओढ़ो
इंसानों के दिल को जोड़ो
कभी न पूजाघर को तोड़ो
धर्म हमेशा यही सिखाता
जीने की है कला बताता
रामराज्य साकार करो तुम
खाली झोली सदा भरो तुम
रावण राज न आने पाये
दुख के गीत न कोई गाये
धर्म हमेशा यही सिखाता
जीने
की है कला बताता
राधा तिवारी (राधे-गोपाल)
राधा तिवारी (राधे-गोपाल)
No comments:
Post a Comment