अभिनंदन
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है दिसंबर साथ देखो कर रहा वीरों का वंदन
आओ मिलकर हम करें इस धरा का अभिनंदन
हाथ में हो थाल फूलों से भरा
भाल पे शोभित रहे हरदम ही तेरे तिलक चंदन
आओ मिलकर हम करें इस धरा का अभिनंदन
सैन्यबल से है सुरक्षित, आज सीमाएं हमारी
देखकर उनका ये जीवन ,अंग करते हैं स्पंदन
आओ मिलकर हम करें, इस धरा का अभिनंदन
सैनिकों ने है संभाली, जब से इसकी डोर है
तब से धरती का हर कोना, करता नहीं है क्रंदन
आओ मिलकर हम करें इस धरा का अभिनंदन
कह रही राधे बचा लो, देश को अपने लिए
इस धरा पर ही तो, पैदा हुए कई हरिनंदन
मिलकर हम करें इस धरा का अभिनंदन
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Thursday, 28 March 2019
कवित्त, " अभिनंदन " ( राधा तिवारी "राधेगोपाल " )
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